केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड के टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने आज स्वास्थ्य सचिवों, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के प्रबंध निदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की। वैश्विक स्तर पर इस तरह के सबसे बड़े अभ्यासों में से एक, देशव्यापी कोविड-19 के टीकाकरण की शुरुआत दो हफ्ते पहले यानी 16 जनवरी, 2021 को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने शुरुआत में कोविड-19 टीकाकरण को लेकर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के असाधारण और विश्वसनीय प्रदर्शन की सराहना की। भारत द्वारा विश्व स्तर पर मील के पत्थर को पार करने की व्याख्या करते हुए उन्होंने रेखांकित किया कि कोविड-19 टीकाकरण में भारत न केवल 10 लाख तक के लक्ष्य तक पहुंचने के मामले में सबसे तेज देश है, बल्कि 20 लाख और 30 लाख के आंकड़े को छूने में भी आगे है। उन्होंने आगे बताया कि टीकाकरण को पहले शुरू करने वाले कई अन्य देशों को इन लक्ष्यों तक पहुंचने में 40-50 दिनों का लंबा समय लगा है।
इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने उन मुद्दों को भी रेखांकित किया, जिन पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ध्यान देने की जरूरत है, जिससे लाभार्थियों की संख्या में सुधार एवं वृद्धि हो और टीकाकरण अभियान में देश आगे की ओर बढ़ सके।
वहीं कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, जहां 50 फीसदी से अधिक लाभार्थियों तक पहुंच है, उन सभी को टीका लगाने वाले लाभार्थियों की संख्या में सुधार करने की सलाह दी गई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अधिकांश राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को इन मानकों पर अपने प्रदर्शन में सुधार करने की जरूरत है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कोविड-19 टीका पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और कोविन को लेकर तकनीकी गड़बड़ियों का समाधान कर लिया गया है। वहीं उभरती हुई चुनौतियों, जमीनी मुद्दों की समझ और उचित स्तरों पर उन्हें तत्काल संबोधित करने के लिए राज्य, जिला और प्रखंड कार्यबल की नियमित समीक्षा बैठकों को सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई।
इस बात का भी उल्लेख किया गया कि प्रति सत्र औसत टीकाकरणों की संख्या में सुधार की बहुत बड़ी गुंजाइश है। वहीं राज्य स्वास्थ्य सचिवों को औसत टीकाकरण की संख्या में दैनिक भिन्नता का विश्लेषण करने और इन्हें बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया।
इसके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जहां स्वास्थ्य सुविधा संभव हो, वहां एक साथ प्रतिदिन कई टीकाकरण सत्र आयोजित करने के लिए भी कहा गया। यह प्रतिदिन टीकाकरणों की संख्या में काफी बढ़ोतरी करेगा। उन्होंने जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों से इस वृद्धि की गुंजाइश का मूल्यांकन करने के लिए सत्र स्थलों के नोडल अधिकारी के साथ नियमित आधार पर बातचीत करने का आग्रह किया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के हालिया पत्र पर ध्यान देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि पहली खुराक के बाद अस्थायी डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्र और दूसरी खुराक के बाद अंतिम प्रमाणपत्र जारी करने की जरूरत है। इसके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि टीका लगाने वाले सभी लाभार्थियों को सत्र से बाहर जाने से पहले टीकाकरण प्रमाणपत्र जारी किए जाए और इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
उन्होंने इस बात को दोहराया कि यह सुनिश्चित करने के लिए पहचान किए गए प्राथमिकता समूह के अनुसार केवल असली और विधिवत प्रमाणित लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया है, एक लाभार्थी की पात्रता और पहचान का सत्यापन का अत्यधिक महत्व है। वहीं अपरिवर्तनीय टीकाकरण परिणाम रिकार्ड (आईवीईआर) को बनाने के लिए लाभार्थियों का विश्वसनीय प्रमाणीकरण करने की जरूरत है। चूंकि सत्यापन के लिए आधार का उपयोग लाभार्थियों का सबसे विश्वसनीय प्रमाणीकरण उपलब्ध करवाता है, इसलिए टीकाकरण से पहले लाभार्थियों के सत्यापन के लिए आधार आधारित प्रमाणीकरण मुख्य तरीका होना चाहिए। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि कोविन सॉफ्टवेयर इंटरफेस आधार के उपयोग के माध्यम से लाभार्थियों के प्रमाणीकरण की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लाभार्थियों का उचित प्रमाणीकरण करने के लिए टीका लगाने वालों को संवेदनशील बनाने की अपील की। वहीं उन्होंने कहा कि जिला कार्य बल और राज्य कार्य बल की बैठकों में जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर अनुपालन की सख्त निगरानी होनी चाहिए।
विस्तृत समीक्षा बैठक के दौरान सामयिक डेटा सामंजस्य के महत्व पर भी बल दिया गया। चूंकि पिछले दो हफ्तों में टीकाकरण अभियान काफी सीमा तक स्थिर हो गया है, इसलिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोविन ऐप पर बकाया डेटा को अपडेट करने के लिए आग्रह किया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि इस अभ्यास को अगले चरण में आगे बढ़ाने के लिए सभी लाभार्थियों की जानकारी हो।
जैसा कि पहले बताया जा चुका है, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण फरवरी, 2021 के पहले हफ्ते से शुरू होगा। इसके लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य पदाधिकारियों को यह सलाह दी गई है कि वे इस चरण के सुचारु कार्यान्वयन के लिए जरूरी योजना बनाएं।
समीक्षा बैठक के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मुद्दों एवं प्रतिक्रियाओं पर व्यापक चर्चा हुई।
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