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वीआईपी पार्टी के सुप्रीमो पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता के हत्या मामले में लोगो ने सीबीआई जांच की मांग किया
बिहार के दरभंगा जिले के बिरौल अनुमंडल के सुपौल में वीआईपी पार्टी के सुप्रीमो पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी को अज्ञात अपराधियों के द्वारा निर्मम हत्या कर दिया गया है जिसमे पुलिस प्रशासन के लोग घटना स्थल पर जांच करने पहुंच गए है वही वीआईपी पार्टी के कई नेताओं ने बताया की यह घटना चोरी का नही है राजनीति से जुड़ा हुआ है इस घटना को सीबीआई से जांच होना चाहिए उन्होंने पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के सुरक्षा पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है की सरकार ने जान बुझ कर उनका भी वीआईपी सुरक्षा को वापस ले लिया है जिससे उनके जान को भी खतरा है ।इस घटना से आम लोग भी स्तब्ध है की जब इतने बड़े आदमी के घर में अपराधी घुसकर हत्या कर सकता है तो आम गरीब आदमी के सुरक्षा क्या रहेगा।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज 'विकसित भारत विकसित गुजरात'कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य आवास योजनाओं के अंतर्गत पूरे गुजरात में निर्मित 1.3 लाख से अधिक मकानों का उद्घाटन और भूमि पूजन किया। उन्होंने आवास योजना के लाभार्थियों से भी बातचीत की।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गुजरात के हर हिस्से के लोग गुजरात की विकास यात्रा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने हाल ही में संपन्न वाइब्रेंट गुजरात में अपनी भागीदारी को याद किया, जिसने 20 साल पूरे कर लिए हैं। उन्होंने ऐसे भव्य निवेश कार्यक्रम अर्थात वाइब्रेंट गुजरात के आयोजन के लिए गुजरात की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि गरीबों के लिए उनका खुद का घर, उनके उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया और परिवार बढ़ने लगे, प्रधानमंत्री ने हर गरीब के लिए नए घर बनाने के सरकार के प्रयासों पर जोर दिया और उन 1.25 लाख का उल्लेख किया जिनका भूमि पूजन आज किया गया। उन्होंने आज अपना नया घर पाने वाले सभी परिवारों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। श्री मोदी ने कहा, “जब इतने बड़े पैमाने का काम पूरा हो जाता है, तो देश उसे 'मोदी की गारंटी' कहता है, जिसका अर्थ है कि गारंटी के पूरा होने की गारंटी।”
प्रधानमंत्री ने आज के कार्यक्रम के आयोजन की सराहना की, जिसमें राज्य के 180 से अधिक स्थानों पर अनेक लोग एकत्र हुए। उन्होंने कहा, “इतनी बड़ी संख्या में आपका आशीर्वाद हमारे संकल्प को और मजबूत करता है। क्षेत्र में पानी की कमी को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने 'प्रति बूंद अधिक फसल' और ड्रिप सिंचाई जैसे कदमों का उल्लेख किया, जिससे बनासकांठा, मेहसाणा, अंबाजी और पाटन में खेती-बाड़ी में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि अंबाजी में विकास की दिशा में किए गए प्रयासों से तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल से लंबित अहमदाबाद से आबू रोड तक ब्रॉडगेज लाइन से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
अपने गांव वडनगर के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने हाल ही में बरामद की गईं 3,000 साल पुरानी प्राचीन कलाकृतियों का जिक्र किया, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। उन्होंने हटकेश्वर, अंबाजी, पाटन और तरंगाजी जैसे स्थानों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तरी गुजरात धीरे-धीरे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसा पर्यटन केंद्र बनता जा रहा है।
नवंबर, दिसंबर और जनवरी के महीनों में विकसित भारत संकल्प यात्रा के सफल आयोजन, जिसमें मोदी की गारंटी की गाड़ी देश के लाखों गांवों तक पहुंची, का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के करोड़ों लोग इस यात्रा से जुड़े। उन्होंने देश में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद करने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की तथा योजनाओं का लाभ उठाने, बुद्धिमानी से धन का प्रबंधन करने और गरीबी मिटाने से संबंधित योजनाओं के अनुसार अपने जीवन को ढालने के लिए उनकी भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया तथा लाभार्थियों से आगे आकर इस पहल का समर्थन करने और गरीबी को जड़ से उखाड़ने में योगदान देने का आग्रह किया। आज सुबह लाभार्थियों के साथ अपनी बातचीत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उनके आत्मविश्वास की सराहना की। इस आत्मविश्वास को उनके नए घरों के कारण बढ़ावा मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज का समय इतिहास रचने का समय है।” उन्होंने इस कालखंड की तुलना स्वदेशी आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन और दांडी मार्च के कालखंड से की, जब स्वतंत्रता प्राप्ति हर नागरिक का लक्ष्य बन गई थी। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का निर्माण देश के लिए एक समान संकल्प बन गया है। उन्होंने 'राज्य की प्रगति के माध्यम से राष्ट्रीय विकास' की गुजरात की सोच पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने पीएम आवास योजना में गुजरात द्वारा की गई प्रगति के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में 9 लाख से अधिक मकानों का निर्माण किया गया है। पीएम आवास-ग्रामीण के तहत ग्रामीण इलाकों में 5 लाख से ज्यादा मकान बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण और तेजी से निर्माण सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने लाइटहाउस प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए 1100 मकानों के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दोहराते हुए कहा कि 2014 से पहले की तुलना में गरीबों के लिए मकानों का निर्माण तेजी से हो रहा है। गरीबों के मकानों के निर्माण के लिए पहले के समय में कम फंडिंग और कमीशन आदि के रूप में होने वाली लीकेज की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के घरों के लिए ट्रांसफर की जाने वाली धनराशि अब 2.25 लाख से अधिक है और बिचौलियों को खत्म करते हुए सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जा रही है। उन्होंने शौचालय, नल जल कनेक्शन, बिजली और गैस कनेक्शन की आपूर्ति के साथ-साथ परिवारों की जरूरतों के अनुसार मकान बनाने की स्वतंत्रता पर भी बात की। उन्होंने कहा, "इन सुविधाओं से गरीबों को पैसे बचाने में मदद मिली है।" प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि घरों का पंजीकरण अब महिलाओं के नाम पर किया जाता है, जिससे वे गृहस्वामिनी बन जाती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी, ये विकसित भारत के आधार स्तंभ हैं, इसलिए इनका सशक्तिकरण सरकार की सर्वोच्च प्रतिबद्धता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'गरीबों' में हर समुदाय शामिल है। योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के सभी तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, "मोदी उन लोगों के लिए गारंटी बन गए हैं जिनके पास कोई गारंटी नहीं थी।" उन्होंने मुद्रा योजना का भी जिक्र किया जहां हर समुदाय के उद्यमियों को बिना गारंटी ऋण मिल सकता है। इसी प्रकार, विश्वकर्मा और स्ट्रीट वेंडरों को वित्तीय साधन और कौशल प्रदान किए गए। उन्होंने कहा, “हर गरीब कल्याण योजना के सबसे बड़े लाभार्थी दलित, अन्य पिछड़ा वर्ग और जनजातीय परिवार हैं। अगर मोदी की गारंटी से किसी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो इन परिवारों को हुआ है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, "मोदी ने लखपति दीदी बनाने की गारंटी दी है।" उन्होंने बताया कि देश में पहले से ही 1 करोड़ लखपति दीदियों का घर है, जिनमें बड़ी संख्या में गुजरात की महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने अगले कुछ वर्षों में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने के सरकार के प्रयास को दोहराते हुए कहा कि यह गरीब परिवारों को काफी सशक्त बनाएगा। उन्होंने आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का भी जिक्र किया जिन्हें अब इस वर्ष के बजट में आयुष्मान योजना के तहत शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री ने गरीबों और मध्यम वर्ग के खर्चों को कम करने पर सरकार के फोकस के बारे में विशेष रूप से बताया। उन्होंने मुफ्त राशन, अस्पतालों में सस्ते इलाज की सुविधा, कम कीमत वाली दवाएं, सस्ते मोबाइल फोन बिल, उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर और बिजली बिल कम करने वाले एलईडी बल्ब का जिक्र किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बिजली बिल कम करने और अतिरिक्त बिजली से कमाई करने के लिए 1 करोड़ घरों के लिए रूफटॉप सोलर योजना के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि योजना के तहत करीब 300 यूनिट बिजली निःशुल्क हो जायेगी और सरकार हर साल हजारों रुपये की बिजली खरीदेगी। मोढेरा में बने सोलर विलेज के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि ऐसी क्रांति अब पूरे देश में देखने को मिलेगी। उन्होंने बंजर भूमि पर सौर पंप और छोटे सौर संयंत्र स्थापित करने में किसानों की सहायता करने वाली सरकार के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुजरात में सौर ऊर्जा के माध्यम से किसानों को एक अलग फीडर उपलब्ध कराने पर भी काम चल रहा है, जिससे किसानों को दिन में भी सिंचाई के लिए बिजली मिल सके।
इस बात पर विशेष जोर देते हुए कि गुजरात की पहचान एक व्यापारिक राज्य के रूप में की गई है और इसकी विकास यात्रा को औद्योगिक विकास के लिए एक नई गति मिल रही है, प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के युवाओं के पास एक औद्योगिक शक्ति होने के नाते अभूतपूर्व अवसर हैं। प्रधानमंत्री ने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि गुजरात का युवा आज राज्य को हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है और उन्होंने सभी को हर कदम पर डबल इंजन सरकार के समर्थन का आश्वासन दिया।
पृष्ठभूमि
यह कार्यक्रम गुजरात के सभी जिलों में 180 से अधिक स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मुख्य कार्यक्रम बनासकांठा जिले में आयोजित किया गया है। राज्यव्यापी कार्यक्रम में आवास योजनाओं सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के हजारों लाभार्थियों की भागीदारी देखी गई। इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री, गुजरात सरकार के अन्य मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय स्तर के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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पाकिस्तान को मुफ्त में मिलेगा भारत में बना कोरोना टीका
देर से ही सही लेकिन पाकिस्तान में भी अब कोरोना टीकाकरण का रास्ता साफ होता जा रहा है। पाकिस्तान की इमरान सरकार अभी तक कोरोना टीके का एक भी डोज खरीद तो नहीं पाई है, लेकिन चीन ने उसे 5 लाख डोज मुफ्त में दी है, जिसे लाने के लिए पाकिस्तान से विमान भेजा गया है। चीनी डोज के पाकिस्तान पहुंचने से पहले पाकिस्तान उस समय गदगद हो गया जब उसके लिए 1.70 करोड़ भारतीय टीके मुफ्त मिलने का रास्ता साफ हो गया। उसे कोवाक्स प्रोग्राम के तहत यह खैरात मिलने जा रही है।
पाकिस्तान ने सबसे पहले ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी की ओर से तैयार किए गए टीके कोविशील्ड को ही सबसे पहले आपातकालीन मंजूरी दी, लेकिन इमरान खान की सरकार के खजाने में ना तो इतने रुपए हैं कि वे टीके खरीद सकें और ना ही इतनी हिम्मत की भारत सरकार से टीका मांग ले। हालांकि, पाकिस्तान ने इसे बैकडोर से पाने की कोशिश के तहत राज्य सरकारों और निजी सेक्टर को खरीद की छूट दे दी थी।
इस बीच रविवावर को इमरान खान के विशेष विशेष सहायक (स्वास्थ्य) डॉ. फैसल सुल्तान ने घोषणा की कि अगले महीने (फरवरी) से पाकिस्तान को एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन भी मिलने जा रही है। उन्होने बताया कि 60 लाख डोज की डिलिवरी मार्च तक हो जाएगी तो जून तक 1.70 करोड़ डोज मिल जाएंगे।
असद उमर ने ट्वीट किया, ''कोविड वैक्सीन मोर्चे पर खुशखबरी। कोवाक्स से मिले लेटर में 2021 की पहली छमाही में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 1.70 करोड़ डोज मिलने की बात कही गई है। फरवरी से शुरुआत होने के बाद मार्च तक 60 लाख डोज उपलब्ध हो जाएंगे। हमने 8 महीने पहले कोवाक्स प्रोग्राम पर हस्ताक्षर किए थे।''
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ''यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सिनोफार्मा (चाइनीज वैक्सीन कंपनी) से 5 लाख डोज मिलने के बाद पहली तिमाही में 70 लाख डोज एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के मिलने जा रहे हैं। इन्हें लोगों को मुफ्त में दिया जाएगा। पाकिस्तान में टीकाकरण अगले सप्ताह शुरू होने जा रहा है और सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स को टीका लगाया जाएगा।''
GAVI और एपेडेमिक प्रिपेयरनेस इनोवेशंस (CEPI) और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइडेशन (WHO) का साझा गठबंधन है, जिसका उद्देश्य विकासशील और गरीब देशों को निश्चित संख्या में मुफ्त टीके उपलब्ध कराने के अलावा सभी देशों को पर्याप्त संख्या में टीका उपलब्ध करवाना है। कोवाक्स प्लान के तहत सभी देशों को समय पर और उचित मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके तहत पाकिस्तान को 20 फीसदी आबादी के लिए मुफ्त टीका मिलेगा। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि 80 फीसदी आबादी को इमरान खान किस तरह टीका दे सकेंगे।
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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड के टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने आज स्वास्थ्य सचिवों, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के प्रबंध निदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की। वैश्विक स्तर पर इस तरह के सबसे बड़े अभ्यासों में से एक, देशव्यापी कोविड-19 के टीकाकरण की शुरुआत दो हफ्ते पहले यानी 16 जनवरी, 2021 को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने शुरुआत में कोविड-19 टीकाकरण को लेकर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के असाधारण और विश्वसनीय प्रदर्शन की सराहना की। भारत द्वारा विश्व स्तर पर मील के पत्थर को पार करने की व्याख्या करते हुए उन्होंने रेखांकित किया कि कोविड-19 टीकाकरण में भारत न केवल 10 लाख तक के लक्ष्य तक पहुंचने के मामले में सबसे तेज देश है, बल्कि 20 लाख और 30 लाख के आंकड़े को छूने में भी आगे है। उन्होंने आगे बताया कि टीकाकरण को पहले शुरू करने वाले कई अन्य देशों को इन लक्ष्यों तक पहुंचने में 40-50 दिनों का लंबा समय लगा है।
इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने उन मुद्दों को भी रेखांकित किया, जिन पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ध्यान देने की जरूरत है, जिससे लाभार्थियों की संख्या में सुधार एवं वृद्धि हो और टीकाकरण अभियान में देश आगे की ओर बढ़ सके।
वहीं कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, जहां 50 फीसदी से अधिक लाभार्थियों तक पहुंच है, उन सभी को टीका लगाने वाले लाभार्थियों की संख्या में सुधार करने की सलाह दी गई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अधिकांश राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को इन मानकों पर अपने प्रदर्शन में सुधार करने की जरूरत है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कोविड-19 टीका पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और कोविन को लेकर तकनीकी गड़बड़ियों का समाधान कर लिया गया है। वहीं उभरती हुई चुनौतियों, जमीनी मुद्दों की समझ और उचित स्तरों पर उन्हें तत्काल संबोधित करने के लिए राज्य, जिला और प्रखंड कार्यबल की नियमित समीक्षा बैठकों को सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई।
इस बात का भी उल्लेख किया गया कि प्रति सत्र औसत टीकाकरणों की संख्या में सुधार की बहुत बड़ी गुंजाइश है। वहीं राज्य स्वास्थ्य सचिवों को औसत टीकाकरण की संख्या में दैनिक भिन्नता का विश्लेषण करने और इन्हें बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया।
इसके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जहां स्वास्थ्य सुविधा संभव हो, वहां एक साथ प्रतिदिन कई टीकाकरण सत्र आयोजित करने के लिए भी कहा गया। यह प्रतिदिन टीकाकरणों की संख्या में काफी बढ़ोतरी करेगा। उन्होंने जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों से इस वृद्धि की गुंजाइश का मूल्यांकन करने के लिए सत्र स्थलों के नोडल अधिकारी के साथ नियमित आधार पर बातचीत करने का आग्रह किया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के हालिया पत्र पर ध्यान देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि पहली खुराक के बाद अस्थायी डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्र और दूसरी खुराक के बाद अंतिम प्रमाणपत्र जारी करने की जरूरत है। इसके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि टीका लगाने वाले सभी लाभार्थियों को सत्र से बाहर जाने से पहले टीकाकरण प्रमाणपत्र जारी किए जाए और इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
उन्होंने इस बात को दोहराया कि यह सुनिश्चित करने के लिए पहचान किए गए प्राथमिकता समूह के अनुसार केवल असली और विधिवत प्रमाणित लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया है, एक लाभार्थी की पात्रता और पहचान का सत्यापन का अत्यधिक महत्व है। वहीं अपरिवर्तनीय टीकाकरण परिणाम रिकार्ड (आईवीईआर) को बनाने के लिए लाभार्थियों का विश्वसनीय प्रमाणीकरण करने की जरूरत है। चूंकि सत्यापन के लिए आधार का उपयोग लाभार्थियों का सबसे विश्वसनीय प्रमाणीकरण उपलब्ध करवाता है, इसलिए टीकाकरण से पहले लाभार्थियों के सत्यापन के लिए आधार आधारित प्रमाणीकरण मुख्य तरीका होना चाहिए। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि कोविन सॉफ्टवेयर इंटरफेस आधार के उपयोग के माध्यम से लाभार्थियों के प्रमाणीकरण की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लाभार्थियों का उचित प्रमाणीकरण करने के लिए टीका लगाने वालों को संवेदनशील बनाने की अपील की। वहीं उन्होंने कहा कि जिला कार्य बल और राज्य कार्य बल की बैठकों में जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर अनुपालन की सख्त निगरानी होनी चाहिए।
विस्तृत समीक्षा बैठक के दौरान सामयिक डेटा सामंजस्य के महत्व पर भी बल दिया गया। चूंकि पिछले दो हफ्तों में टीकाकरण अभियान काफी सीमा तक स्थिर हो गया है, इसलिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोविन ऐप पर बकाया डेटा को अपडेट करने के लिए आग्रह किया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि इस अभ्यास को अगले चरण में आगे बढ़ाने के लिए सभी लाभार्थियों की जानकारी हो।
जैसा कि पहले बताया जा चुका है, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण फरवरी, 2021 के पहले हफ्ते से शुरू होगा। इसके लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य पदाधिकारियों को यह सलाह दी गई है कि वे इस चरण के सुचारु कार्यान्वयन के लिए जरूरी योजना बनाएं।
समीक्षा बैठक के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मुद्दों एवं प्रतिक्रियाओं पर व्यापक चर्चा हुई।
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भारतीय तटरक्षक बल अपना 45वां स्थापना दिवस मनाएगा
भारतीय तटरक्षक बल 1 फरवरी 2021 को अपना 45वां स्थापना दिवस मना रहा है। 1978 में केवल 7 जमीनी प्लेटफार्मों के साथ एक साधारण शुरुआत से आज आईसीजी अपनी सूची में 156 जहाजों और 62 विमानों के साथ एक अजेय सेना बन चुका है और 2025 तक 200 जमीनी प्लेटफार्मों और 80 विमानों के लक्षित बल प्राप्त करने की संभावना है।
दुनिया में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में, भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट को सुरक्षित करने और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने आदर्श वाक्य "वयम रक्षाम" का अर्थ "हम रक्षा करते हैं"। भारतीय तटरक्षक बल ने 1977 में स्थापना के बाद से 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाने और लगभग 14,000 बदमाशों को पकड़ने का काम किया है।
कोविड-19 महामारी द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद, भारतीय तटरक्षक बल ने लगभग 50 जहाजों और 12 विमानों को दैनिक रूप से तैनात करके, महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों में 24x7 सतर्कता बनाए रखी है। समुद्र में हवाई निगरानी सेवा की मदद से वर्ष 2020 में भारतीय ईईजेड जोन में अवैध रूप से काम कर रहे 80 उपद्रवियों के साथ लगभग 1,500 करोड़ मूल्य की 10 से अधिक विदेशी मछली पकड़ने की नौकाओं को जब्त किया। भारतीय तटरक्षक बल द्वारा एक साल पहले निवारक और सोची-समझी प्रक्रिया के तहत पिछले साल 11 चक्रवातों के दौरान लगभग 40,000 मछुआरों के साथ 6,000 से अधिक मछली पकड़ने वाली नौकाओं को सुरक्षित बंदरगाह पर ले जाया गया। इससे बड़े पैमाने पर समुद्री जान-माल का नुकसान से बचाया गया।
माननीय प्रधानमंत्री की 'सागर’ दृष्टि के अनुरूप- सुरक्षा और क्षेत्र में सभी की प्रगति, भारतीय तटरक्षक बल ने श्रीलंका के 333 मीटर लंबे बहुत बड़े क्रूड कार्टर मोटर टैंकर न्यू डायमंड जिसमें तीन लाख मैट्रिक टन कच्चा तेल था जिसमें आग लग गयी थी को बचाने का काम किया जिससे एक बड़ी पारिस्थितिक आपदा टल गई। इसके अलावा, आईसीजी ने मर्चेंट वेसेल वेकेशियो की ग्राउंडिंग के दौरान मॉरीशस को प्रदूषण प्रतिक्रिया सहायता प्रदान की और प्रशिक्षण के अलावा 30 टी प्रदूषण उपकरण प्रदान किए। इसके साथ आईसीजी समुद्री देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करने और अपनी अधिकार वाले क्षेत्र में और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सहयोग कर रहा है।
आईसीजी ने समुद्री और नागरिक उड्डयन खोज और बचाव तंत्र का सामंजस्य स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड की बैठक आयोजित की और बड़े पैमाने पर बचाव कार्यों को करने के लिए मौजूदा तंत्र को मान्य करने के लिए एसएआर एक्सरसाइज-2020 (एसएआरईएक्स-2020) के साथ इसका पालन किया। तटीय सुरक्षा और खुफिया समन्वय के लिए, हितधारकों के बीच इंटेलिजेंस साझाकरण की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए एक पहली संगोष्ठी आयोजित की गई थी। यह सेवा केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में भी काम कर रही है ताकि एक मजबूत तटीय सुरक्षा तंत्र बनाया जा सके।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने राष्ट्र के लिए 44 शानदार वर्ष पूरे करने पर भारतीय तटरक्षक बल को बधाई दी और समुद्री क्षेत्रों में देश के हितों की खोज में सेवा द्वारा निभाई गई उल्लेखनीय भूमिका की सराहना की।
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सिनेमा हॉल का संचालन 100 प्रतिशत क्षमता के साथ किया जा सकता है, श्री प्रकाश जावडेकर ने फिल्म प्रदर्शन के लिए एसओपी जारी किया
केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने आज सिनेमा हॉल और थियेटर में कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी निवारक उपायों पर एक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की। निर्णय की घोषणा करते हुए मंत्री श्री जावडेकर ने कहा कि अब सिनेमा हॉल पूरी क्षमता के साथ काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, लेकिन लोग थिएटरों के अंदर स्टालों से खाद्य-सामग्री खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण लगाए गए प्रतिबंध समाप्त होने के कगार पर हैं।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने आदेश संख्या 40-3 / 2020 डीएम-I (ए) दिनांक 27 जनवरी, 2021 के द्वारा सिनेमा हॉल और थियेटर को खोलने की अनुमति दी है। इसी पृष्ठभूमि में यह एसओपी जारी किया गया है।
एसओपी शुरुआत में ही कहता है कि नियंत्रित क्षेत्रों (कांटेंनमेंट जोन) में फिल्म-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी और राज्य / केंद्र शासित प्रदेश, अपने क्षेत्रीय आकलन के आधार पर अतिरिक्त उपायों का प्रस्ताव दे सकते हैं। एसओपी में सिनेमा हॉल के अंदर सौ प्रतिशत बैठने की क्षमता के उपयोग की अनुमति दी गयी है।
एसओपी स्पष्ट करता है कि परिसर के अंदर कोविड से संबंधित सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाना चाहिए। सामान्य दिशानिर्देशों में कहा गया है कि श्वसन शिष्टाचार का पालन किया जाना चाहिए, जिसमें फेस मास्क का उपयोग तथा सभागार के बाहर, सामान्य क्षेत्रों और प्रतीक्षा क्षेत्रों में हमेशा एक-दूसरे से न्यूनतम 6 फीट की दूरी बनाए रखना शामिल हैं, थूकना निषिद्ध होगा और आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिंग प्रवेश-द्वार पर की जाएगी और बाहर निकलने के दौरान भीड़ से बचने के लिए कतारबद्ध तरीके से निकासी की व्यवस्था की जानी चाहिए। सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल और कई स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स में एक शो के ख़त्म होने तथा दूसरे शो के शुरू होने के बीच पर्याप्त समय अंतराल सुनिश्चित किया जाना चाहिए और कतारबद्ध तरीके से दर्शकों के प्रवेश व बाहर निकलने की व्यवस्था की जानी चाहिए। भीड़ से बचने के लिए कई स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स में शो के समय में पर्याप्त अंतराल सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
एसओपी टिकटों, खाद्य और पेय पदार्थ आदि के भुगतान के लिए संपर्क-रहित डिजिटल लेनदेन के उपयोग को बढ़ावा देता है। पर्याप्त संख्या में बॉक्स ऑफिस काउंटर खोले जाने चाहिए और काउंटर पर पूरे दिन टिकटों की खरीद की व्ययस्था होनी चाहिए। भीड़ से बचने के लिए बिक्री काउंटरों पर अग्रिम बुकिंग की सुविधा होनी चाहिए।
पूरे परिसर की स्वच्छता पर जोर देते हुए, एसओपी में कहा गया है कि पूरा परिसर, सामान्य सुविधाओं और मानव संपर्क में आने वाले सभी बिंदुओं जैसे हैंडल, रेलिंग, आदि की बार-बार साफ़-सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए और प्रत्येक स्क्रीनिंग के बाद ऑडिटोरियम को सेनिटाईज किया जाना चाहिए।
एसओपी में कोविड के खिलाफ जन जागरूकता के लिए विशिष्ट उपायों के बारे में बताया गया है। घोषणा, स्टैंड, पोस्टरों आदि के माध्यम से पूरे परिसर में ‘क्या करें’ और ‘क्या ना करें’ का प्रदर्शन किया जाना चाहिए।
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प्रधानमंत्री ने मुरादाबाद सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को सहायता राशि दिए जाने को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुई सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों और घायल लोगों के लिए सहायता राशि दिए जाने को मंजूरी दी। मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करते हुए कहा है “पीएम @नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 की आर्थिक सहायता राशि दिए जाने को मंजूरी दी।”